
कितने ज़माने लगते हैं एक दर्द भुलाने मे
और उसे वक्त नही लगता दिल दुखाने मे
आज देखा है उन चेहरों को मैखाने मे
जो ख्याली शक्स मिले थे अफसाने मे
आदतन फिर वादा कर के आना भूल गया
आज कितने किस्से मिलेंगे उसके बहने मे
ये ज़ख्म भी कुछ वक्त के बाद भर जाएगा
बस ज़रा देर लगेगी निशां मिटने मे
तू चाहे जान भी देदे वो नही मानेगा
क्यूँ मर रहा है इतना वफ़ा निभाने मे
जिसके लिया छोड़ा सब, जब वोही छोड़ गया
तो अब क्या रखा है इस दोगले ज़माने मे
जिनको ज़र समझ सिने से लगाये बैठे थे
उन लम्हों का भी भला है गुज़र जाने मे
माह ने जाने क्यूँ उम्मीद लगा रखी थी
अब आती है शर्म दाग’ऐ दिल दिखने मे
और उसे वक्त नही लगता दिल दुखाने मे
आज देखा है उन चेहरों को मैखाने मे
जो ख्याली शक्स मिले थे अफसाने मे
आदतन फिर वादा कर के आना भूल गया
आज कितने किस्से मिलेंगे उसके बहने मे
ये ज़ख्म भी कुछ वक्त के बाद भर जाएगा
बस ज़रा देर लगेगी निशां मिटने मे
तू चाहे जान भी देदे वो नही मानेगा
क्यूँ मर रहा है इतना वफ़ा निभाने मे
जिसके लिया छोड़ा सब, जब वोही छोड़ गया
तो अब क्या रखा है इस दोगले ज़माने मे
जिनको ज़र समझ सिने से लगाये बैठे थे
उन लम्हों का भी भला है गुज़र जाने मे
माह ने जाने क्यूँ उम्मीद लगा रखी थी
अब आती है शर्म दाग’ऐ दिल दिखने मे
4 comments:
ये ज़ख्म भी कुछ वक्त के बाद भर जाएगा
बस ज़रा देर लगेगी निशां मिटने मे
तू चाहे जान भी देदे वो नही मानेगा
क्यूँ मर रहा है इतना वफ़ा निभाने मे
behad khoobsurat khayalat piroye hein ghazal ke har she'r mein...mubarakbaad qubool farmayein...
ये ज़ख्म भी कुछ वक्त के बाद भर जाएगा
बस ज़रा देर लगेगी निशां मिटने मे ...
Wow! Really superb.....
Bahut khash andaj hai aapka...
http://dev-poetry.blogspot.com/
जिसके लिया छोड़ा सब, जब वोही छोड़ गया
तो अब क्या रखा है इस दोगले ज़माने मे
bahut umda sher hai ............
keep it up..........
Excellent.
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